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राजीव रंजन प्रसाद
यह मैंने एक फ़ितूर के तहत शुरू किया। कोई शब्द मिलता और उसके बारे में लिखा भी। झट नोट कर लेता। यह शौक धीरे-धीरे दस्तावेज की शक़्ल अख़्तियार कर ली। प्रकाशन संभव नहीं था। क्योंकि यह मेरा कोई मौलिक लेखन नहीं था। हाँ, उसे अपनी भाषा में अपने अनुसार व्यवस्थित कर दिया था मात्र। साथ के लोगों में इसको लेकर कोई दिलचस्पी नहीं थी तो मेरे प्राध्यापकों में भी इसमें कोई नई बात नहीं दिखी। लोग इसके महत्त्व को इसलिए भी नहीं समझ रहे थे क्योंकि मैंने इसे कोई अकादमिक-परियोजना के अन्तर्गत करना नहीं शुरू किया था।
यकायक ध्यान में आया कि हूँ तो मैं एक अध्यापक; क्यों न अपने ब्लाॅग पर इसका डिजिटल संस्करण बनाकर संजो लूँ। भविष्य में साथीजन प्रोत्साहित करेंगे या उनका सकारात्मक प्रत्युत्तर मिलेगा तो और जीजान से जुटकर इसे करता जाऊँगा। वैसे भी कितने पन्ने बनारस से अरुणाचल आने के क्रम में इधर-उधर हो गए। अब जो बचे हैं उन्हें बचा लेना ही उपयुक्त है। इसी क्रम में यह नाम जे़हन में-‘अरुण हिंदी शब्दकोश’। यानी अरुणाचल प्रदेश के हिन्दी-मित्रों के लिए सहज सरल ढंग से शब्दार्थों का उल्लेख, मूल्यांकन और परिभाषा की प्रस्तुति।
इसमें एक बात की छूट ली जाएगी कि किसी भी शब्द को बाद में कभी भी ‘माॅडरेट’ किया जा सकेगा। सुधार, संसोधन एवं परिष्कार के बाद अंततः ‘अरुण हिंदी शब्दकोश’ का जो कलेवर और संयोजन होगा, उससे मुझे हार्दिक प्रसन्नता होगी।
अतः आपसबों का अमूल्य सहयोग अपेक्षित है।
सादर,
भवदीय
राजीव रंजन प्रसाद
सहायक प्रोफेसर, हिंदी विभाग
राजीव गाँधी विश्वविद्याालय
रोनो हिल्स, दोईमुख
अरुणाचल प्रदेश-791112
मो. 9436848281
ई.मेल: rrprgu@gmail.com
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