--------- अरुण हिंदी शब्दकोश : अन्तरात्मा : अन्तरात्मा ईश्वर द्वारा निर्मित नहीं है। यदि वास्तव में वह ईश्वर प्रदत होती, तो भिन्न-भिन्न समाज के व्यक्तियों की अन्तरात्माएँ भिन्न-भिन्न न होतीं। ईश्वर एक है, यदि वास्तव में उसने धर्म के नियम बनाए हैं। एक समाज के व्यक्ति की अन्तरात्मा प्रायः दूसरे समाज के व्यक्ति की अन्तरात्मा के अनुसार नहीं होती। मनुष्य की अन्तरात्मा केवल उसी बात को अनुचित समझती है जिसको समाज अनुचित समझता है। इसलिए यह निश्चयपूर्वक कहा जा सकता है कि अन्तरात्मा समाज द्वारा निर्मित है। मनुष्य के हृदय में समाज के नियमों के प्रति अन्धविश्वास और पूर्ण श्रद्धा को ही अन्तरात्मा कहते हैं। समाज से पृथक उसका कोई अस्तित्व नहीं है।
--------- अरुण हिंदी शब्दकोश : ज्ञान : जहाँ मनुष्य बाह्य परिवर्तन और आन्तरिक शून्य के भेदभाव से ऊपर उठ जाता है, ज्ञान की अन्तिम सीढ़ी है। ध्यान देने योग्य है कि, उन्माद अस्थायी होता है और ज्ञान स्थायी। कुछ क्षणों के लिए ज्ञान लोप हो सकता है; पर वह मिटना नहीं। जब पागलपन का प्रहार होता है, ज्ञान लोप होता हुआ विदित होता है; पर उन्माद बीत जाने के बाद ही ज्ञान स्पष्ट हो जाता है।