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शुभ प्रथमा

नमस्कार!

अरुणाई: हाम्रो अरुणाचल’ एक आॅनलाइन ब्लाॅग है। पूर्वोत्तर की ज़मीं पर बसे अरुणाचल के युवजन को समर्पित इस ब्लाॅग पर हम अपने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हैं। अरुणाचल के इकलौते विश्वविद्वाालय ‘राजीव गांधी विश्वविद्वाालय’ के हिन्दी विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के पश्चात यह मेरा व्यक्तिगत प्रयास है। अरुणाचल के युवाओं की इच्छा, आकांक्षा, कल्पना और स्वप्न को साकार करने के उद्देश्य से यह विनम्र प्रयास कितना सराहनीय अथवा उल्लेखनीय बन सकेगाा, यह आप तय करेंगे; लेकिन यह अपनी ओर से एक सार्थक पहलकदमी अवश्य है। 

मित्रो, अरुणाचल के युवजन की अनुभूति, संवेदना, भावना, विचार, दृष्टिकोण आदि के माध्यम से हम आपतक पहुंचेंगे। हम आपको यह जना सकेंगे कि पूर्वोत्तर की माटी में कितना दमखम, सामथ्र्य, योग्यता, गुण, प्रतिभा, आदि है जो अनमोल है, बेशकीमती है। अरुणाचल में भाषा की बहुलता एवं जीवंत उपस्थिति दर्शनीय है और अपनेआप में विशिष्ट भी। यहां के जनजातीय समाज में एकरूपीय अभिन्नता है, सहमेल, सहभाव एवं साझाापन है; तो भीतरी संरचना एवं आन्तरिक बनावट-बुनावट में अनगिनत विविधता रची-बसी हुई है। इसे दूर से जानना आभासी-बिंबों को छूना या सहलाना मात्र है; जबकि असली यथार्थ की अहसास के लिए यहां के जनसमाज, भाषा एवं व्यक्तित्व-व्यवहार से गहरे जुड़ना अत्यावश्यक है।

खैर, हम अपने सीमित संसाधन एवं अपर्याप्त योग्यता के साथ अरुणाचल के युवकों एवं युवतियों के बीच एक मित्र की तरह प्रस्तुत हो रहे हैं। इस मित्रता की एकमात्र कसौटी है-ईमानदारी, प्रतिबद्धता एवं असीम स्नेह।
सादर,

भवदीय
राजीव रंजन प्रसाद
सहायक प्राध्यापक
हिन्दी विभाग
राजीव गांधी विश्वविद्वाालय
रोनो हिल्स, दोइमुख, 
अरुणाचल प्रदेश-791112
ई-मेल: rrprgu@gmail.com


Comments

  1. बधाई और शुभकामनाएँ. ऐसे प्रयास की बहुत ही अधिक प्रासंगिकता है। सफर जारी रहे।

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    1. धन्यवाद सह आभार! जल्द ही हम अपने विद्याार्थियों द्वारा तैयार अरुणाई का ‘बाल अंक’ इस ब्लाॅग पर ले आ रहे हैं। पुनश्च धन्यवाद!!

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