हिंदी हमारी राष्टभाषा है, बावजूद इस विविधतापूर्ण देश में अनेक भाषाएं और बोलियां प्रचलित हैं, वहीं दूसरी ओर हिंदी बोलने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अरुणाचल प्रदेश अवस्थित राजीव गांधी विश्वविद्याालय में फंक्शनल हिंदी के सहायक प्राध्यापक राजीव रंजन प्रसाद की राय में-‘‘ भारत के सांविधानिक नक्शे में हिंदी भाषा राजभाषा के रूप में मान्य है। यह राष्ट्रभाषा है और सम्पर्क भाषा भी। राजभाषा यानी अंग्रेजी के सहप्रयोग के साथ राजकीय विधान, कार्यालयी काम-काज, अकादमिक लिखा-पढ़ी, ज्ञान-विज्ञान, अन्तरानुशासनिक-अन्तर्सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार इत्यादि में सांविधानिक रूप से मान्यता प्राप्त एक वैध भाषा। वह भाषा जिसके बारे में भारतीय संविधान में अनुच्छेद 343 से अनुच्छेद 351 के अन्तर्गत काफी कुछ लिखित एवं वर्णित है। यही नहीं अनुच्छेद 120 में संसद में भाषा-प्रयोग के बारे में हिंदी की स्थिति स्पष्ट है, तो अनुच्छेद 210 में विधान-सभा एवं विधान-परिषद में हिंदी के प्रयोग को लेकर ठोस दिशा-निर्देश...