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Showing posts from October, 2015

शुभ प्रथमा

नमस्कार! अरुणाई: हाम्रो अरुणाचल’  एक आॅनलाइन ब्लाॅग है। पूर्वोत्तर की ज़मीं पर बसे अरुणाचल के युवजन को समर्पित इस ब्लाॅग पर हम अपने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हैं। अरुणाचल के इकलौते विश्वविद्वाालय ‘राजीव गांधी विश्वविद्वाालय’ के हिन्दी विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्ति के पश्चात यह मेरा व्यक्तिगत प्रयास है। अरुणाचल के युवाओं की इच्छा, आकांक्षा, कल्पना और स्वप्न को साकार करने के उद्देश्य से यह विनम्र प्रयास कितना सराहनीय अथवा उल्लेखनीय बन सकेगाा, यह आप तय करेंगे; लेकिन यह अपनी ओर से एक सार्थक पहलकदमी अवश्य है।  मित्रो, अरुणाचल के युवजन की अनुभूति, संवेदना, भावना, विचार, दृष्टिकोण आदि के माध्यम से हम आपतक पहुंचेंगे। हम आपको यह जना सकेंगे कि पूर्वोत्तर की माटी में कितना दमखम, सामथ्र्य, योग्यता, गुण, प्रतिभा, आदि है जो अनमोल है, बेशकीमती है। अरुणाचल में भाषा की बहुलता एवं जीवंत उपस्थिति दर्शनीय है और अपनेआप में विशिष्ट भी। यहां के जनजातीय समाज में एकरूपीय अभिन्नता है, सहमेल, सहभाव एवं साझाापन है; तो भीतरी संरचना एवं आन्तरिक बनावट-बुनावट में अनग...